
अर्श….आसमान में चमकते आफ़ताब की तपिश और महताब की मोम सी चाँदनी ज़हन को जज़्बाती बना देते हैं. सूरज और चाँद की एक दूसरे को पाने की यह जद्दोजहद, कभी मिलन नहीं होगा, यह जान कर भी एक दूसरे को पाने का ख़्याल इनके रूह से जाती क्यों नहीं? **** अर्थ – अर्श-आसमान। आफ़ताब- सूरज। […]
ज़हन — The REKHA SAHAY Corner!